मोटरसाइकिल इंश्योरेंस क्लेम कैसे करें | Bike insurance claim process in Hindi 2023

Bike यानी मोटरसाइकिल अथवा दुपहिया वाहन जो कि वर्तमान समय में देश में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का विकल्प है। संपूर्ण भारत में हर रोज करोड़ों की संख्या में मोटरसाइकिल वाहन दौड़ते दिखाई देते हैं। इस बात से भी हम अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत का दुपहिया वाहन मार्केट कितना बड़ा है। अगर आपके पास भी कोई वाहन है और उसका insurance करवाया हुआ है तो किसी कारणवश आप का एक्सीडेंट हो जाता है। यह आपके दु पहिया वाहन में कुछ डैमेज हो जाता है या फिर आपकी गाड़ी में कोई टूट-फूट याद चोरी हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में आप Insurance Company को Claim कर सकते हैं।

ऐसी परिस्थितियों में आप insurance कंपनी को क्लेम केवल तभी कर पाएंगे। जब आपने इंश्योरेंस करवा कर रखा है। आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि भारतीय सड़कों पर चलने वाले टू व्हीलर के लिए बीमा पॉलिसी प्राप्त करना अनिवार्य किया गया है। विशेष रूप से थर्ड पार्टी बीमा कवरेज भारत में चलने वाले सभी वाहनों के लिए अनिवार्य है। इस insurance plan के तहत बीमा तारीख को अधिक सुविधाएं नहीं मिलती है अधिक विकल्प नहीं मिलता है। जिसकी वजह से वाहनों के मालिक अपने वाहनों के सिक्योरिटी के लिए कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस करवाते हैं।

अगर आपके पास भी कोई दुपहिया वाहन है और आपने उसका insurance करवा कर रखा है तो आपको यह जान लेना चाहिए कि कौन-कौन सी परिस्थितियों में आपको कंपनी को क्लेम कर सकते हैं? कौन कौन से दस्तावेज चाहिए? किस तरह से क्लेम किया जाता है। Bike Insurance Claim Process in Hindi बारे में पूरी जानकारी आज के इस आर्टिकल में आपको विस्तार से बताएंगे, जिसके बाद आपको इस विषय में पूरी जानकारी प्राप्त हो जाएगी और यह जानकारी सभी दुपहिया वाहन मालिकों को पता भी होनी चाहिए क्योंकि आम तौर पर भारत में हर रोज सैकड़ों की संख्या में वाहन दुर्घटनाएं होती हैं। ऐसी स्थिति में अगर आपको यह जानकारी पता है तो आप समय रहते अच्छी तरह से कंपनी को क्लैम कर पाएंगे और मुआवजा राशि प्राप्त कर पाएंगे।

टू-व्हीलर/Bike/मोटरसाइकिल बीमा क्या हैं?  —

जिस तरह से मनुष्यों के लिए जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा इत्यादि विभिन्न प्रकार के इंश्योरेंस प्लान होते हैं। ठीक उसी प्रकार वाहनों के लिए भी insurance प्लान होते हैं जिसमें दो पहिया वाहन के चोरी हो जाने या दुर्घटना का शिकार हो जाने की स्थिति में मरम्मत तथा नुकसान की भरपाई के लिए कंपनी द्वारा मुआवजा के रूप में कुछ राशि प्रदान की जाती हैं जो टू व्हीलर insurance के अंतर्गत आते हैं। यह राशि आप तभी ले सकते हैं। जब आपने अपने टू व्हीलर वाहन का इंश्योरेंस करवा कर रखा है। आज के समय में भारत में इंश्योरेंस मार्केट में सैकड़ों की संख्या में कंपनियां मौजूद है जो तरह-तरह के insurance प्लान प्रस्तुत करती है।

टू-व्हीलर बीमा के प्रकार  — (Types of Two-Wheeler Vehicle)

आप अपने दुपहिया वाहन के लिए जो बीमा करवाते हैं। वह टू व्हीलर बीमा होता है। लेकिन इसके भी दो प्रकार हैं जिसके बारे में आपको अवश्य जान लेना चाहिए, क्योंकि अगर आपने दुपहिया वाहन के दोनों ही प्रकार के बारे में जान लिया तो आप अपने लिए एक बेहतरीन बीमा पॉलिसी का चयन कर पाएंगे, जिससे आपको फायदा हो सकता है क्योंकि बिना जानकारी के अगर आपने किसी भी बीमा पॉलिसी को ले लिया है तो समय आने पर आपकी सोच के मुताबिक आपको लाभ प्रदान नहीं होगा।

थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) —

वाहन बीमा प्रकार की सूची में प्रथम थर्ड पार्टी insurance होता है। यह insurance भारतीय मोटर वाहन अधिनियम द्वारा जरूरी किया गया है यानी भारत की सड़कों पर चलने वाले प्रत्येक दुपहिया वाहन के लिए यह बीमा खरीदना अनिवार्य है। अगर कोई वाहन भारतीय सड़कों पर बिना Third Party insurance के पाया गया तो उस पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा सकता है या जेल का भी प्रावधान निर्धारित किया गया है। इसमें आपको थर्ड पार्टी इंश्योरेंस तो खरीदना आवश्यक है। इसके तहत की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है चोट लगती है या संपत्ति को नुकसान होता है, तो कानून के तहत इस नुकसान को कवर किया जाता है। इसीलिए इस बीमा को लायबिलिटीज बीमा कहां जाता है। लेकिन इस बीमा पॉलिसी के अंतर्गत मुख्य रूप से बीमा धारक के मालिकों को कुछ ज्यादा लाभ प्रदान नहीं होता है।

कॉम्प्रेहन्सिव इंश्योरेंस (Comprehensive Insurance) —

दुपहिया वाहन के बीमा पॉलिसी प्रकार की सूची में दूसरे स्थान पर Comprehensive Insurance आता है जिसको First Party Insurance भी कहा जाता है। आज के समय में अधिकांश वाहन मालिक और द्वारा इसी insurance पॉलिसी को खरीदा जाता है क्योंकि यह इंश्योरेंस पॉलिसी थर्ड पार्टी insurance पॉलिसी के मुकाबले वाहन मालिकों के लिए अधिक कारगर साबित होती है। इस पॉलिसी के तहत वाहन के मालिक अपनी सुविधा अनुसार सुविधाओं को बीमा पॉलिसी के तहत ऐड करवा सकते हैं और निकलवा भी सकते हैं तथा अपने प्रीमियम राशि के अनुसार प्लान का चयन कर सकते हैं। इस पॉलिसी के तहत मुख्य रूप से बीमा धारक के मालिक को ही मिलता है। बीमा पॉलिसी के तहत चालक की मृत्यु, विकलांगता, बीमित वाहन का नुकसान, दुर्घटना इत्यादि को कवर किया जाता है।

टू व्हीलर बीमा का कवरेज —

अगर आपने अपने दो पहिया वाहन का बीमा ले रखा है, लेकिन आपको यह नहीं पता कि इस बीमा पॉलिसी के तहत कौन-कौन सी घटनाएं हैं और कौन-कौन से नुकसान बीमा कवरेज की सूची में आते हैं यानी कौन-कौन से नुकसान होने पर आपको प्ले में मिलेगा? तो हम आपको बता देते हैं कि किसी भी दुर्घटना के कारण वाहन या वाहन के मालिक अथवा वाहन के चालक को कोई नुकसान होता है। तो उसकी भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाएगी। यह बीमा कवरेज की श्रेणी में आता है। इसके अलावा वाहन का मालिक या वाहन कार ड्राइवर व्यक्तिगत दुर्घटना का शिकार होता है या प्राकृतिक आपदा का शिकार होता है, तो भी कंपनी क्लेम देती हैं। इसके अलावा दो पहिया वाहन का नुकसान होना या चोरी हो जाना भी क्लेम की सूची में आता है।

टू व्हीलर बीमा क्लेम प्रोसेस — (Bike Insurance Claim Process in Hindi 2023)

अगर कभी आपका वाहन किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है या आपका टू व्हीलर चोरी हो जाता है तो ऐसे ही घटना घटित होने के बाद आपको क्या करना चाहिए और किस तरह से आपको बीमा कंपनी को सूचित करना है। किस प्रकार आपको क्लैम मिलेगा? इस बारे में हम आपको पूरी जानकारी विस्तार से बता रहे हैं जिसमें सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि अगर आपका दुपहिया वाहन किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है या चोरी हो जाता है तो, ऐसी घटना घटित होने के तुरंत बाद आपको बीमा कंपनी को संपर्क करना चाहिए, साथ ही पुलिस थाने में एफआइआर भी दर्ज करवानी चाहिए क्योंकि एफ आई आर के आधार पर ही आपको क्लेम दिया जाएगा।

मोटरसाइकिल के दुर्घटना का शिकार हो जाने या चोरी हो जाने के तुरंत बाद एफ आई आर दर्ज करवाएं तथा एफ.आई.आर. की कॉपी के साथ कुछ जरूरी दस्तावेज जैसे मोटरसाइकिल के रजिस्ट्रेशन की कॉपी क्लेम करने से संबंधित जरूरी दस्तावेज, ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी, बीमा धारक की पहचान पत्र की कॉपी तथा बीमा की कॉपी के साथ घटित घटना का संक्षिप्त में विवरण लिखकर जल्द से जल्द insurance कंपनी को सूचित करें। इसके बाद कंपनी द्वारा जांच पड़ताल करने के बाद आपको निर्धारित समय निर्धारित राशि और निर्धारित नियम और शर्तों के साथ क्लेम दे दिया जाता है।

जब कोई भी मोटरसाइकिल वाहन का मालिक अपने मोटरसाइकिल के लिए बीमा खरीदता है, तो उसके अंतर्गत एक कवरेज क्षेत्र निर्धारित होता है। उस कवरेज क्षेत्र के भीतर ही वह अपने वाहन का दुर्घटना के बाद मरम्मत करवाता है तो कंपनी द्वारा कैशलैस क्लेम दिया जाता है तथा नुकसान और मरम्मत की लागत के मूल्यांकन के बाद ही भुगतान किया जाता है। लेकिन अगर कोई मोटरसाइकिल वाहन का मालिक नेटवर्क क्षेत्र से बाहर अपने वाहन को ठीक करवाता है तो बीमा कंपनी से री-इंबर्स की जा सकती है।

दुपहिया बीमा क्लेम प्रोसेस के लिए आवश्यक दस्तावेज़ —

अगर कभी आपका दुपहिया वाहन किसी भी हादसे का शिकार हो जाता है या चोरी हो जाता है तो उसके बाद आपको कंपनी को किस आधार पर क्लैम करेंगे? कौन कौन से दस्तावेज जरूरी होंगे? इस बारे में भी हम आपको बता देते हैं क्योंकि सभी तरह के जरूरी दस्तावेज नहीं होने पर कंपनी द्वारा क्लेम स्वीकार नहीं किया जाता है। तो आइए जानते हैं मोटरसाइकिल बीमा क्लेम प्रोसेस के लिए आवश्यक दस्तावेज —

  • ड्राइविंग लाइसेंस लाइसेंस की कॉपी
  • बीमा पॉलिसी की कॉपी
  • पहचान पत्र की कॉपी
  • एफ आई आर की कॉपी
  • मेडिकल रिपोर्ट की कॉपी
  • चोरी होने पर चाबी के सभी सेट
  • चोरी होने के बाद सर्विस बुकलेट
  • चोरी हो जाने पर वारंटी कार्ड
  • मरम्मत कराने के बाद बिल की कॉपी
  • दुर्घटना या चोरी के बारे में संक्षिप्त विवरण

दुपहिया वाहन कैशलेस बीमा क्लेम — (Bike Insurance Cashless Claim)

आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि अगर आपने बीमा खरीदते समय कैशलेस बीमा नहीं लिया है तो आपको मुआवजे की का खर्च उठाना होगा। उसके बाद कंपनी द्वारा जांच करने के बाद उस मुआवजे राशि को आप को दिया जाएगा लेकिन अगर आप इंश्योरेंस करवाते समय ध्यान देते हैं और अपने बीमा की एक बार जांच करते हैं तथा अपने बीमा पॉलिसी को कैशलेस रखते हैं, तो आपका बीमा वर्कशॉप द्वारा जारी किया जाएगा जिसके बाद कंपनी द्वारा निर्धारित किए गए किसी भी वर्कशॉप के अंतर्गत आप अपने मोटरसाइकिल को मरम्मत करवाएंगे, तो उसके बिल का भुगतान सीधे कंपनी द्वारा कैशलेस माध्यम से कर दिया जाएगा।

अगर आपको कैशलैस insurance नहीं लेते हैं तो आपको कई दिनों तक वर्कशॉप और बीमा कंपनी के ऑफिस चक्कर लगाने होंगे। परंतु अगर आपने कैशलेस बीमा पॉलिसी कोई लिया हुआ है तो कंपनी के अंतर्गत आने वाले वर्कशॉप में आपका वाहन पहुंचते ही कंपनी द्वारा वर्कशॉप को संपर्क करके जाएगा और कंपनी के कुछ अधिकारी वर्कशॉप पहुंचकर वाहन की जांच करेंगे। फोटो खींच लेंगे और वर्कशॉप को मरमद करने के लिए कह देंगे। जब वर्कशॉप द्वारा आपके वाहन को ठीक कर दिया जाएगा, तो उसके बाद वर्कशॉप आपको एक Insurance Claim Form देगा जिसके अंतर्गत कुछ जरूरी जानकारी भरनी होती है।

insurance क्लेम फॉर्म के अंतर्गत आपको बीमा धारक का नाम पता मोबाइल नंबर पहचान संख्या इत्यादि के साथ वाहन चालक के ड्राइविंग लाइसेंस नंबर पहचान संख्या नाम एड्रेस इत्यादि लिखना होता है। इसके अलावा insurance पॉलिसी नंबर एक्सीडेंट होने की तिथि और कारण विवरण में लिखना होता है। उसके बाद दो पासपोर्ट साइज फोटो को चिपका कर सिग्नेचर कर देना है। इसके अलावा उस insurance क्लेम फॉर्म के साथ जरूरी दस्तावेज जैसे वाहन चालक कार ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी तथा इंश्योरेंस पॉलिसी कॉपी एवं एफ.आई.आर. की कॉपी इत्यादि जरूरी दस्तावेजों को Insurance Claim Form के साथ अटैच करना होता है। उस फार्म को जमा करते ही कंपनी द्वारा कैशलेस वर्कशॉप को पेमेंट कर दिया जाएगा।

मोटर साइकिल बीमा ऑनलाइन क्लेम — (Bike Insurance Online Claim)

जैसा कि आपको पता ही है कि आज का समय पूरी तरह से बदल चुका है। आज लगभग प्रत्येक कार्य ऑनलाइन माध्यम से किया जाता है। इसीलिए अब आप बीमा क्लेम भी ऑनलाइन कर सकते हैं। अगर आपका मोटरसाइकिल किसी दुर्घटना का शिकार हो गया है या चोरी हो गया है, तो ऐसी स्थिति में आप ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे ही अपने मोबाइल फोन से बीमा कंपनी को क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए क्या प्रोसेस है आइए जान लेते हैं —

  • सबसे पहले आपको अपने बीमा कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करना है।
  • अब आपको वेबसाइट पर बीमा पॉलिसी नंबर तथा मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी के माध्यम से एक अकाउंट बनाना है।
  • अब आपको अकाउंट बनाने के बाद मिले लॉग ऑन डिटेल के आधार पर लॉगइन करना है।
  • लाॅग ऑन करने के बाद कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट के होम पेज पर ही आपको ऑनलाइन insurance क्लेम करने का विकल्प दिखाई देगा।
  • ऑनलाइन इंश्योरेंस क्लेम विकल्प पर क्लिक करने के बाद आपके सामने एक आवेदन फार्म खुल जाएगा।
  • इस आवेदन फार्म को क्लेम प्राप्त करने के लिए भरना होगा।
  • ऑनलाइन insurance क्लेम फॉर्म में अपने संपूर्ण जानकारी को सही ढंग से भरना है।
  • ऑनलाइन insurance क्लेम फॉर्म में सही जानकारी को करने के बाद संबंधित जरूरी दस्तावेजों को अटैच करके सबमिट कर दें।
  • अब आपको ऑनलाइन insurance क्लेम करने पर वर्कशॉप द्वारा जारी किया हुआ गाड़ी में मरम्मत के लिए खर्च होने वाला एक कोटेशन लगाना होता है।
  • अब कंपनी द्वारा इस विषय में विभिन्न तरीकों से जांच की जाएगी और फिर आपको इंश्योरेंस क्लेम का पैसा दे दिया जाएगा।

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Conclusion

आज के समय में मोटरसाइकिल होना एक आम बात है। जिसकी वजह से हर रोज भारतीय सड़कों पर करोड़ों की संख्या में मोटरसाइकिल वाहन दौड़ते हुए दिखाई देते हैं। परिणाम स्वरूप हर रोज सैकड़ों की संख्या में वाहनों के हादसे होते हैं जिसमें किसी की जान चली जाती है तो कोई विकलांग हो जाता है। जबकि वाहनों का नुकसान होना आम बात है। ऐसी स्थिति में अगर आपने अपने मोटरसाइकिल का बीमा करवा कर रखा है तो आप कंपनी से क्लेम प्राप्त कर सकते हैं।

आपका मोटरसाइकिल किसी हादसे का शिकार हो जाने या चोरी हो जाने पर किस तरह से आप कंपनी को प्लेन करेंगे कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी है। कौन कौन सी सावधानियां बरतनी है तथा कौन-कौन से तरीकों से आप कंपनी से मुआवजा राशि ले सकेंगे? Bike Insurance Claim Process के बारे में पूरी जानकारी आज के इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार पूर्वक बता चुके हैं, जिसे पढ़ने के बाद आपको पता चल जाएगा कि मोटरसाइकिल बीमा क्लेम कैसे लेते हैं? उम्मीद करते हैं यह जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी।

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