Insurance अथवा बीमा शब्द तो आपने सुना ही होगा। यह शब्द हमारे दैनिक जीवन से काफी ज्यादा मिलता जुलता शब्द है। क्योंकि आमतौर पर हमें कभी ना कभी इस शब्द का सामना करना ही पड़ता है। बता दें कि आमतौर पर हम सभी के घरों में स्वास्थ्य बीमा या जीवन बीमा करवाया जाता है। लेकिन जिनके पास बाईक या कार हैं, वह लोग अपने वाहनों का भी बीमा करवाते हैं, जिस कारण के लिए हम अपना स्वास्थ्य बीमा करवाते हैं, उसी कारण के लिए लोग अपनी कार और मोटरसाइकिल का बीमा करवाते हैं।
आमतौर पर स्वास्थ्य बीमा इसीलिए करवाते हैं ताकि अगर उन्हें किसी हादसे की वजह से नुकसान हो जाए, तो उनके मेडिकल तथा अस्पताल का खर्चा बीमा कंपनियों द्वारा उठाया जाता है। इसीलिए मोटरसाइकिल और कारों का भी बीमा करवाया जाता है। भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के तहत भारत में वाहनों का बीमा करवाना अनिवार्य है। इसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार की बीमा कंपनियों द्वारा तरह-तरह के बीमा Policy Plan पेश किए गए हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार तथा बीमा की धनराशि के अनुसार कोई सा भी प्लान चुनकर अपने वाहन के लिए बीमा खरीद सकते हैं। इससे होगा यह कि कभी भी आपकी कार या मोटरसाइकिल किसी हादसे का शिकार हो जाती है, तो उसकी भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाएगी।
अगर आपके घर में मोटरसाइकिल या कार है, तो आपको भी इस विषय में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। बता दें कि वाहनों के लिए किए जाने वाले बीमा के प्रकार को फर्स्ट पार्टी तथा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कहा जाता है। आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि प्रत्येक वाहन का थर्ड पार्टी insurance होना कानूनी रूप से अनिवार्य है। फर्स्ट पार्टी बीमा के अंतर्गत बीमा धारक के नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाती है, जबकि third party Insurance policy के अंतर्गत बीमा धारक के वाहन से होने वाले सामने वाले व्यक्ति के वाहन की नुकसान की भरपाई बीमा धारक के बीमा कंपनी द्वारा की जाती है।
Vehicle Insurance in Hindi 2023
कार और मोटरसाइकिल का insurance करवाना भारतीय मोटर कानून अधिनियम के तहत अनिवार्य है। इस कानून अधिनियम के तहत प्रत्येक भारतीय वाहन चालक को अपने वाहन के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य है। अगर आपकी गाड़ी से किसी भी वाहन का नुकसान होता है, तो उसकी भरपाई थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत बीमा कंपनी द्वारा की जाएगी। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण की तरफ से कार और बाइक के इंश्योरेंस पॉलिसी की प्राइस उसके मॉडल तथा इंजन की क्षमता के ऊपर निर्धारित की गई है।
वर्तमान समय में भारत में विभिन्न प्रकार की कंपनियां तरह-तरह के इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध करा रही है। इस कड़ी में बीमा कंपनियों द्वारा तरह-तरह की सुविधाओं के अनुसार प्लान बनाए गए हैं जिन्हें पॉलिसी प्लान कहा जाता है। ग्राहक अपनी सुविधा अनुसार कंपनियों द्वारा निर्धारित किए गए प्लान को नियम और शर्तों के अनुसार पढ़कर उसे खरीद सकता है। वाहनों के इंश्योरेंस दो प्रकार के होते हैं। पहला- फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस तथा दूसरा- थर्ड पार्टी इंश्योरेंस। सरकार द्वारा Third Party Insurance करवाना अनिवार्य किया गया है।
First Party Insurance Kya Hota Hai?
इंश्योरेंस पॉलिसी के अनुसार first party वह व्यक्ति होता है, जो बीमा खरीदता है। इस पॉलिसी के अंतर्गत अगर पॉलिसी धारक का एक्सीडेंट हो जाता है, तो उसकी गाड़ी तथा उसके शरीर पर आने वाले खर्च को बीमा कंपनी द्वारा उठाया जाता है। इसीलिए आमतौर पर ज्यादातर लोग फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस खरीदते हैं। बीमा कंपनियां फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस को Comprehensive Insurance नाम से जानती है। इस बीमा पॉलिसी के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के पॉलिसी प्लान कंपनियों द्वारा पेश किए जाते हैं, जिनमें विभिन्न तरह की सुविधाएं मिलती है। परंतु अधिक सुविधाएं उपाले प्लान काफी महंगे होते हैं।
फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के लाभ (Benefits of 1st party Insurance in Hindi)
First party Insurance policy के अंतर्गत अगर आप अपनी गाड़ी के साथ किसी हादसे का शिकार हो जाते हैं, तो बीमा कंपनी द्वारा मुआवजा दिया जाता है। आपको शारीरिक रूप से कितना नुकसान हुआ है तथा आपकी गाड़ी को गहरा नुकसान हुआ है। इन सभी की भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाती है। सरकार द्वारा फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के तहत बीमा कंपनियों द्वारा दी जाने वाली धनराशि के मुआवजे की लिमिट को 1500000 रुपए किया गया है। आप चाहे तो अधिक प्रीमियम जमा करवाकर इस लिमिट को बढ़ा सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति की हादसे में मौत हो जाती है, तो भी बीमा कंपनी उसके परिजनों को मुआवजा प्रदान करती हैं। विभिन्न प्रकार के बीमा कवर के तहत विभिन्न सुविधाएं मिलती हैं तो आइए जानते हैं।
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फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के प्रकार (Types of 1st Party Insurance in Hindi 2023)
फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस प्लान के विभिन्न प्रकार हैं क्योंकि जितनी ज्यादा सुविधाएं अपने इंश्योरेंस प्लान के अंतर्गत ऐड करवाएंगे उतने ही ज्यादा आपके बीमा का प्रीमियम बढ़ जाएगा इसीलिए बीमा कंपनियां बीमा धारकों को अपनी इच्छा के अनुसार तरह-तरह की सुविधाएं अपने बीमा पॉलिसी के अंतर्गत ऐड करने की सुविधा प्रदान करती हैं कंपनियों द्वारा दी जाने वाली अतिरिक्त सुविधा इस प्रकार है –
जीरो डिप्रेशिएशन कवर –
बीमा धारक की गाड़ी जितनी ज्यादा पुरानी होगी उसे हादसे के बाद क्लेम की राशि भी उतनी ही कम मिलेगी, क्योंकि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण की तरफ से प्रत्येक वाहन के मॉडल तथा उसके इंजन के आधार पर इंश्योरेंस की राशि निर्धारित की गई है। लेकिन आप चाहे तो अधिक पैसे का प्रीमियम भुगतान करके कुछ अतिरिक्त सुविधाएं अपने बीमा पर ले सकते हैं।
इंजन प्रोटक्शन कवर –
अपनी कार अथवा मोटरसाइकिल के लिए करवाए जाने वाले बीमा पॉलिसी में आप इंटर प्रोटक्शन कवर को चुन सकते हैं। यानी कि बिना किसी हादसे के ही अगर आपके वाहन के इंजन में कोई खराबी आती है, तो 5 वर्ष तक के समय अवधि के अनुसार आपको बीमा कंपनी द्वारा मुआवजा दिया जाता है।
नो क्लेम बोनस प्रोटेक्शन कवर –
वाहनों का बीमा एक छोटी अवधि के लिए होता है। इसीलिए अगर आपको पिछले बीमा पॉलिसी के दौरान कोई भी कल्याण नहीं मिला है, तो आगामी बीमा पॉलिसी के प्रीमियम के दौरान आपको कुछ विशेष छूट मिलती है। इसके लिए आपको अपने बीमा में नो क्लेम बोनस प्रोटक्शन कवर को जुड़वाना होता है।
रोडसाइड असिस्टेंट कवर –
अगर आप अपने वाहन के बीमा पॉलिसी में रोडसाइड असिस्टेंट कवर को भी ऐड करवाते हैं। तब आपको किसी भी जगह और किसी भी समय निर्धारित समय सीमा में रास्ते में गाड़ी खराब होने पर रिपेयरिंग मैकेनिक तथा टोचिंग करवाकर गैरेज तक ले जाने की सुविधा बीमा कंपनी द्वारा दी जाती है। इसके लिए केवल आपको फोन करके बीमा कंपनी को सूचित करना होता है।
पैसेंजर कवर –
अगर आप अपने वाहन के बीमा पॉलिसी में पैसेंजर कवर को ऐड करवा देते हैं, तो हादसे के दौरान होने वाली शारीरिक शक्ति की भरपाई भी बीमा कंपनी द्वारा की जाती है। इसके अलावा वाहन के अन्य छोटे-बड़े खर्च को भी बीमा कंपनी उठाती है।
टायर प्रोटेक्ट कवर –
अगर आपकी कोई बड़ी गाड़ी है तो आप जानते ही हैं कि उस के टायर कितने महंगे होते हैं। आप अपने वाहन के बीमा पॉलिसी में टायर प्रोटक्शन कवर को भी ऐड करवा सकते हैं। इससे होगा यह कि अगर आप के टायर फट जाते हैं या खराब हो जाते हैं, तो बीमा कंपनी द्वारा टायर बदलना है। रिपेयर करना और उसका खर्चा उठाना इत्यादि कार्य किया जाता है।
Conclusion
First party Insurance policy कोई भी व्यक्ति अपने वाहन के लिए करवा सकता है। इस Insurance को करवाने से उन्हें अतिरिक्त सुविधाएं मिलती है। जैसे- कोई हादसा होने पर वाहन को ठीक करने का खर्चा, व्यक्ति को शारीरिक रूप से हानि हुई है, तो उसका खर्चा भी first party Insurance policy के तहत बीमा कंपनी उठाती है। अधिक जानकारी इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार से बता चुके हैं। इस आर्टिकल को ध्यान पूर्वक अवश्य पढ़ें हमें। उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए जरूरी उपयोगी साबित हुई होगी। अगर आपका कोई प्रश्न है? तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम पूरी कोशिश करेंगे कि आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर हम जल्द से जल्द दे सकें।