फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी इन्शुरन्स में क्या अंतर है? 2023 में पूरी जानकारी।

First Party vs Third Party Insurance वाहनों के लिए किया जाता है। जिस प्रकार से व्यक्तियों के लिए जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा, पारिवारिक विमान इत्यादि प्रकार के बीमा के जाते हैं। ठीक उसी प्रकार वाहनों के लिए भी विभिन्न प्रकार के बीमें किए जाते हैं। जिनके विशेष रूप से दो प्रकार हैं। Comprehensive insurance policy (कंप्रिहेंसिव बीमा पॉलिसी) और थर्ड पार्टी बीमा पॉलिसी (third party Insurance policy)। बता दें कि एक कंप्रिहेंसिव बीमा पॉलिसी को आमतौर पर फर्स्ट पार्टी बीमा पॉलिसी कहा जाता है क्योंकि इस बीमा पॉलिसी के अंतर्गत बीमा धारक के नुकसान की भरपाई की जाती है। जबकि थर्ड पार्टी बीमा पॉलिसी के अंतर्गत बीमा धारक के वाहन से सामने वाले व्यक्ति और वाहन के नुकसान की भरपाई की जाती है।

प्रत्येक वाहन के लिए बीमा करवाना अत्यंत जरूरी होता है। इसलिए भारतीय मोटर अधिनियम के तहत सरकार ने प्रत्येक वाहन के लिए थर्ड पार्टी बीमा अनिवार्य कर दिया है। यानी कि अगर आपका कोई वाहन है मोटरसाइकिल या कार, तो आपको उसके लिए थर्ड पार्टी बीमा तो करवाना अत्यंत जरूरी ही है। लेकिन अगर आप कंप्रिहेंसिव बीमा यानी कि फास्ट पार्टी बीमा करवाते हैं, तो इससे किसी भी हादसे में होने वाली आपके वाहन और आपके नुकसान की भरपाई भी की जा सकती है। इसीलिए ज्यादातर लोग सरकारी नियम के अनुसार थर्ड पार्टी बीमा पॉलिसी के साथ-साथ फर्स्ट पार्टी बीमा पॉलिसी भी करवाते हैं, ताकि उन्हें भी होने वाली आरती खाने से बचाया जा सकें।

वाहनों के लिए किए जाने वाले कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी तथा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी में कुछ अलग अलग बताए हैं। जैसे थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी सामने वाले व्यक्ति के नुकसान की भरपाई करता है। जबकि कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी स्वयं पॉलिसी धारक के हानि की भरपाई करता है। इस प्रकार से कुछ अनियमितताएं भी है जिनके बारे में इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार से बताएंगे, लेकिन उससे पहले हम आपको बता दें कि वाहनों के लिए किए जाने वाले इंश्योरेंस पॉलिसी की राशि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण की तरफ से निर्धारित की जाती है। प्रत्येक बीमा पॉलिसी की नियम और शर्तों को पढ़ने के बाद ही उसे खरीदना चाहिए।

वाहन इंश्योरेंस क्यों जरूरी है?

आमतौर पर हम सभी लोग जीवन बीमा तो करवाते ही हैं या अपने अपने परिवार में जीवन बीमा वाले सदस्यों को देखा ही होगा। इसके अंतर्गत लोग अपने जीवन के साथ तथा जीवन के बाद परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाए रखने के लिए खरीदते हैं। ठीक उसी प्रकार वाहनों का बीमा करवाया जाता है। भारतीय बीमा कंपनियां विभिन्न प्रकार की इंश्योरेंस पॉलिसी जारी करती है, जिसके अंतर्गत लोग अपने वाहनों का बीमा करवाते हैं। बीमा धारक अगर किसी हादसे का शिकार हो जाते हैं तो उस हादसे में होने वाले नुकसान की भरपाई बीमा कंपनियों द्वारा की जाती है।

भारत में वाहनों के लिए दो प्रकार से बीमा किया जाता है। पहला कंप्रिहेंसिव बीमा इसे आमतौर पर First Party Insurance कहते हैं, जबकि दूसरा Third Party Insurance कहलाता है। यह दोनों ही पूरी तरह से अलग अलग है। इसलिए ज्यादातर लोग दोनों ही प्रकार का बीमा करवाते हैं क्योंकि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना सरकारी रूप से अनिवार्य किया गया है। जबकि First Party Insurance बीमा धारक के आर्थिक सहयोग के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

अधिकांश लोग मोटरसाइकिल और कार को किस्तों पर खरीदते हैं क्योंकि ज्यादातर लोग एक साथ इतने सारे पैसे इकट्ठा करके वाहन नहीं खरीद सकते है। इसलिए अगर दुर्भाग्यपूर्ण उसकी गाड़ी कभी भी किसी हादसे का शिकार हो गई, तो उनके लिए इस नुकसान की भरपाई करना नामुमकिन हो जाता है। इसी जगह पर बीमा कंपनियों का उद्गम होता है। क्योंकि आप अगर अपने कंपनी का बीमा करवा कर रखते हैं, तो इस हादसे में हुए नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करती है। लेकिन इसके लिए अलग-अलग प्रकार के बीमा पॉलिसी होती हैं। तो आज भी इनके बारे में जानते हैं।

फर्स्ट पार्टी बीमा और थर्ड पार्टी बीमा में अंतर 2023

  • फर्स्ट पार्टी बीमा स्वयं बीमा धारक को आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराता है, जबकि थर्ड पार्टी बीमा पॉलिसी के अंतर्गत बीमा धारक के वाहन से होने वाले सामने वाले व्यक्ति के वाहन और उसके शारीरिक हानि को आपके बीमा पॉलिसी के अंतर्गत बीमा कंपनी मुआवजा देती है।
  • कंप्रिहेंसिव अथवा फास्ट पार्टी बीमा पॉलिसी स्वयं बीमा धारक के लिए की जाती है, जबकि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी तीसरा पक्ष यानी सामने वाली पार्टी जो आपके वाहन से क्षतिग्रस्त हुई है, उसके लिए किया जाता है।
  • फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के तहत बीमा धारक के वाहन की मरम्मत तथा बीमा धारक के शारीरिक क्षति की भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाती है, जबकि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के तहत आपकी वाहन से कोई व्यक्ति को शारीरिक नुकसान होता है या कोई वाहन अथवा संपत्ति को हानि होती है, तो उसकी भरपाई आपके बीमा पॉलिसी के अंतर्गत बीमा कंपनी करती है।
  • फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के तहत आप 1 साल में दो बार कंपनी द्वारा मुआवजा ले सकते हैं, जबकि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत प्रत्येक बार हुए हादसे के बाद सामने वाले पक्ष को मुआवजा दिया जाता है।

People Also Read:-

कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस क्या होता है पूरी जानकारी?
लॉन्ग टाइम और शार्ट टाइम इंश्योरेंस में क्या अंतर होता है?
लाइफ इंश्योरेंस और जनरल इंश्योरेंस में क्या अंतर होता है?

Conclusion

भारत की सड़कों पर चलने वाले वाहनों के लिए भारत सरकार द्वारा मोटर वाहन अधिनियम के तहत थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य किया गया है। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत अगर आपकी गाड़ी से कोई एक्सीडेंट होता है जिसमें आपकी गाड़ी से किसी व्यक्ति तथा उसकी गाड़ी को नुकसान होता है, तो उसकी भरपाई बीमा कंपनी द्वारा आपके बीमा पॉलिसी के अंतर्गत किया जाता है। इसलिए सरकार ने इस बीमा पॉलिसी को अनिवार्य कर दिया है। लेकिन आप कंप्रिहेंसिव अथवा First पार्टी बीमा पॉलिसी खरीद कर अपनी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर सकते हैं।

इस बीमा पॉलिसी के अंतर्गत किसी हादसे में आपको या आपकी गाड़ी को नुकसान होता है, तो बीमा कंपनी इसकी भरपाई करता है। अधिक जानकारी इस आर्टिकल में पूरी जानकारी के साथ विस्तार से बता दी है। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए जरूर ही उपयोगी साबित हुई होगी। अगर आपका इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी प्रश्न है? तो आप मुझे कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम पूरी कोशिश करेंगे कि आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न का जल्द से जल्द उत्तर देने की कोशिश करें।

Sharing Is Caring:

Leave a Comment