Insurance मनुष्य के जीवन के लिए एक जरूरी हिस्सा बन गया है। व्यक्ति को अपने जीवन के Insurance के साथ-साथ Vital insurance, motor insurance, Health insurance इत्यादि कई प्रकार के अन्य insurance लेने जरूरी होते हैं।
ताकि व्यक्ति को विकट परिस्थितियों में insurance के माध्यम से आर्थिक सहायता मिल सके और व्यक्ति को हमेशा बिना चिंता के जीने का मौका मिल सके। ऐसे तो इंश्योरेंस व्यक्ति अकेला भी ले सकता है और उसी पॉलिसी को group के साथ भी नहीं सकता है। आज के आर्टिकल में हम आपको Group Insurance kya hota hai? इसके बारे में जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
ग्रुप इंश्योरेंस क्या होता है? (Group Insurance kya hota hai?)
ग्रुप इंश्योरेंस मुख्य तौर पर लाइफ इंश्योरेंस Policy के तहत प्रदान करवाया जाता है। ऐसा इंश्योरेंस जिस में से किसी एक व्यक्ति के नाम पर जीवन रिस्क कवर होने की बजाय पूरे ग्रुप की समान तरीके से रिस्क कवर रहती है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी कंपनी में 1000 कर्मचारी काम कर रहे हैं तो उन सभी कर्मचारियों का सिर्फ एक बीमा समान रूप से किया जा सकता है। उसे ग्रुप इंश्योरेंस कहते हैं। ग्रुप इंश्योरेंस में किसी भी कर्मचारी की मृत्यु होती है। तब उसके उत्तराधिकारी को बीमा कंपनी की ओर से मदद राशि प्रदान करवाई जाती है।
ग्रुप इंश्योरेंस कैसे खरीदा जाता है?
ग्रुप इंश्योरेंस को खरीदने की बात की जाए तो ग्रुप इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए खरीदा जाता है। कंपनी के द्वारा काम कर रहे सभी कर्मचारियों के लिए संगठित इंश्योरेंस खरीदकर उसका संपूर्ण प्रीमियम एक साथ कंपनी के द्वारा ही भरा जाता है और उसके पश्चात सभी कर्मचारियों के सैलरी में से उस प्रीमियम राशि को काट दिया जाता है।
ग्रुप इंश्योरेंस खरीदने के लिए कंपनी के द्वारा बीमा कंपनी के साथ एक संबंध बनाया जाता है और उसी संबंध के तहत कंपनी में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को समान रूप से भी मिस करते हुए एक ग्रुप इंश्योरेंस खरीदा जाता है।
इस ग्रुप इंश्योरेंस का प्रीमियम बीमा कंपनी के द्वारा भरा जाता है और ग्रुप इंश्योरेंस में किसी भी एक कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है। तो उसे बीमा कंपनी के द्वारा उत्तराधिकारी को बीमा लाभ प्रदान करवाया जाता है।
ग्रुप इंश्योरेंस के सभी कर्मचारियों के प्रीमियम की गणना उनकी उम्र के आधार पर निर्भर करती है। कंपनी के द्वारा जब बीमा कंपनी को प्रीमियम अदा कर दिया जाता है। तो उसके पश्चात कंपनी अपने कर्मचारियों के प्रीमियम को उनकी Age के अनुसार डिवाइड करके उनके सैलरी में से काट देती है।
ग्रुप इंश्योरेंस की क्यों जरूरत होती है?
बड़ी-बड़ी कंपनियों में हजारों की संख्या में कर्मचारी काम करते हैं। ऐसे में कभी किसी कर्मचारी के साथ कोई दुर्घटना घटित हो सकती है। उसका जिम्मेदार कौन होगा इसी से बचने के लिए कंपनी के द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए ग्रुप इंश्योरेंस खरीदा जाता है और इस ग्रुप इंश्योरेंस के माध्यम से सैलरी में से प्रीमियम की कटौती कर के सभी कर्मचारियों के लिए समान रूप से जीवन की रिस्क कवर को रखा जाता है।
सभी कर्मचारियों के जीवन की रिस्क कवर कंपनी अपने सर से बीमा कंपनी के सर पर डाल देती है। ताकि यदि किसी व्यक्ति के साथ भविष्य में कोई घटना घटित हो जाए तो ऐसे में उस घटना की भरपाई बीमा कंपनी के द्वारा की जा सके।
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ग्रुप इंश्योरेंस कितने प्रकार का होता है? (Types of Group Insurance in Hindi)
ग्रुप इंश्योरेंस को मुख्य तौर पर तीन भागों में बांटा गया है जो कुछ इस प्रकार से हैः
1.ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस (Group Life Insurance)
लाइफ इंश्योरेंस जॉब किसी भी कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए समुह के साथ खरीदा जाता है। उसे ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस कहते हैं। यह इंश्योरेंस नियोक्ता को विविध प्रावधान अधिनियम 1952 के तहत कर्मचारियों की बीमा पास करना अनिवार्य बताया जाता है। इसीलिए बीमा कंपनी के द्वारा खरीदा जाता है।
2. समूह विकलांगता बीमा (Group Disability Insurance)
विकलांग लोगों के लिए भी अलग से ग्रुप इंश्योरेंस का एक प्रकार होता है। इस प्रकार के तहत जो कर्मचारी विकलांग या किसी बीमारी के कारण काम करने में असमर्थ है या फिर विकलांग होने की वजह से काम कम करते हैं। उन लोगों के लिए भी ग्रुप इंश्योरेंस उपलब्ध कराया जाता है।
3. समूह स्वास्थ्य बीमा (Group Health Insurance)
बीमा कंपनियों के द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस को भी ग्रुप के तहत उपलब्ध कराया जाता है। किसी भी कंपनी में काम करने वाले समस्त कर्मचारियों को सिर्फ एक बीमा के तहत सभी कर्मचारियों के हेल्थ की पूरी रिस्क कवर रखी जाती है।
समूह बीमा (Group Insurance) के लिए जरूरी दस्तावेज
जब कंपनी के द्वारा ग्रुप इंश्योरेंस खरीदा जाता है। तो कंपनी को कई प्रकार के इंश्योरेंस संबंधित दस्तावेज प्रत्येक व्यक्ति के बीमा कंपनी के पास जमा करवाने होते हैं। मतलब यह है, कि जितने भी कर्मचारी उस ग्रुप इंश्योरेंस के तहत शामिल है। उन सभी कर्मचारियों के नीचे दिए गए निम्नलिखित दस्तावेज लगाना अनिवार्य हैः
- बीमित व्यक्ति का पहचान पत्र
- बीमित व्यक्ति के पते का प्रमाण पत्र
- उत्तराधिकारी का पहचान पत्र
- विविध भरा हुआ दावा प्रपत्र
- प्रमाण पत्र बीमा
- अस्पताल प्रमाण पत्र
- दुर्घटना मामले में प्राथमिकी प्रमाण पत्र
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ग्रुप इंश्योरेंस से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
ग्रुप इंश्योरेंस कई ऐसी रोचक बातें जुड़ी हुई है जो हर किसी व्यक्ति को पता नहीं है। ग्रुप इंश्योरेंस से जुड़ी रोचक बातें नीचे कुछ इस प्रकार से दी गई है।
- ग्रुप इंश्योरेंस को हर साल रिन्यू करवाना पड़ता है। लंबी अवधि के लिए ग्रुप इंश्योरेंस उपलब्ध नहीं होता है।
- ग्रुप इंश्योरेंस का प्रस्तावक हमेशा कर्मचारियों की कंपनी को रखा जाता है। कर्मचारियों की कंपनी के द्वारा ही उनका प्रीमियम भरा जाता है।
- ग्रुप इंश्योरेंस के तहत जितने भी कर्मचारियों का बीमा होता है उनके उत्तराधिकारी के तौर पर उनके घर का कोई भी संबंधी होता है, माता-पिता, पत्नी, बच्चे इत्यादि।
- ग्रुप इंश्योरेंस बड़ी कंपनियों के लिए जरूरी किया हुआ है उन कंपनियों को ग्रुप इंश्योरेंस लेना पड़ता है।
- ग्रुप इंश्योरेंस कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के जीवन रिस्क कवर को कवर करते हुए प्रदान करवाया जाता है।
निष्कर्ष
इंश्योरेंस का नाम तो आपने सुना ही होगा लेकिन इंसुरेंस व्यक्तिगत होने के साथ आप ग्रुप में भी इंश्योरेंस को खरीदा जाता है। आज के इस आर्टिकल में हमने आपको Group Insurance kya hota hai? इसके बारे में डिटेल में जानकारी दी हैं। हमें उम्मीद है, कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी।