Health insurance claim process 2023- इन बातों का रखें ध्यान

आज के समय में अधिकांश लोग किसी ना किसी तरह की बीमारियों से ग्रसित है तथा करोड़ों लोग गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। हर दिन यह आंकड़ा बढ़ रहा है।  हर दिन लोग नहीं नई बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं हर रोज अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं और अस्पतालों के भारी-भरकम बिल को चुका रहे हैं। ऐसी स्थिति में यहां पर Health insurance का उद्गम होता है जिस तरह से जीवन बीमा और वाहन बीमा होता है वैसे ही Health insurance भी होता है यानी स्वास्थ्य बीमा व्यक्ति के स्वास्थ्य को सिक्योर करने के लिए स्वास्थ्य बीमा करवाया जाता है। आज के समय में भारत में करोड़ों लोगों द्वारा स्वास्थ्य बीमा खरीदा जा चुका है और हर दिन यह आंकड़ा बढ़ रहा है।

आज के समय में गलत खानपान और भागदौड़ भरी जीवनशैली की वजह से करोड़ों लोग अपने स्वास्थ्य की विभिन्न प्रकार की तकलीफ से जूझ रहे हैं। उन्हें विभिन्न प्रकार की बीमारियां होती है जिनमें गंभीर बीमारियां भी शामिल है और आज के समय में अस्पताल के खर्चे कितने हैं। यह किसी से छुपा नहीं है लोगों के लाखों और करोड़ों रुपए भी अस्पताल के चक्कर लगाते हुए खर्च हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में अगर आपने अपने स्वास्थ्य का इंश्योरेंस करवा कर रखा है, तो आप उन खर्चों को कंपनी पर डाल सकते हैं या नहीं आप अपने Health insurance का क्लेम करेंगे, तो कंपनी द्वारा आपके अस्पताल के खर्चे की भरपाई की जाएगी।

आज के समय में देश और दुनिया में सैकड़ों की संख्या में गंभीर बीमारियां हैं। उन सभी गंभीर बीमारियों को भी विभिन्न प्रकार के Health insurance द्वारा कवर किया जाता है। इसके अलावा एंबुलेंस के खर्चे अस्पताल में होने वाले खर्चे बेड का किराया कमरे का किराया दवाइयों का खर्च इत्यादि विभिन्न प्रकार के खर्च Health insurance कंपनी द्वारा उठाए जाते हैं। इसके अलावा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के तहत आप जो भी सुविधा चुनना चाहते हैं। उस सुविधा का लाभ भी आपको क्लेम के समय मिल जाता है। हालांकि सुविधाओं के अनुसार प्रीमियम राशि का भुगतान भी करना होता है। लेकिन Health insurance करवा कर आप अपने हेल्थ को सिक्योर कर सकते हैं। तो आइए Health insurance Claim Process in Hindi के बारे में जान लेते हैं।

Health Insurance Claim क्या है? —

व्यक्ति जीवन में कभी भी किसी भी दुर्घटना का शिकार हो जाने पर चोट लगती है या गंभीर घायल होता है, विकलांग होता है या किसी बीमारी की वजह से बीमार हो जाता है, तो उस समय उसे ठीक होने के लिए अस्पताल में अधिक पैसे खर्च करने होते हैं। कहीं बाहर यह आंकड़ा लाखों और करोड़ों रुपए तक भी पहुंच जाता है। ऐसी स्थिति में आमतौर पर एक सामान्य व्यक्ति के पास इतने पैसे नहीं होते हैं जिसकी वजह से कुछ लोग तो अपना इलाज भी नहीं करवा पाते हैं तथा अगर कोई अपना इलाज भी करवा लेता है, तो उसके पास जीवन यापन करने के लिए पैसे नहीं बचते हैं। अगर उसने अपने स्वास्थ्य का इंश्योरेंस करा रखा है तो ऐसी स्थिति में वह कंपनी को सूचित करें, उसके बाद कंपनी द्वारा उसके खर्चे उठाए जाएंगे।

Health Insurance Claim के प्रकार —

हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के सामान्य दो प्रकार होते हैं, जिनमें पहला प्रकार कैशलेस ट्रांजैक्शन के लिए जाना जाता है। जबकि दूसरा प्रकार के अंतर्गत बीमा धारक को अपनी जेब से नुकसान की भरपाई करनी होती है। उसके बाद कंपनी द्वारा जांच पड़ताल करने के बाद ही बीमा धारक को नुकसान की भरपाई की जाती है अथवा क्लैम दिया जाता है।

Health insurance Claim types की सूची में प्रथम स्थान पर Mediclaim यानी रीम्‍बर्समेंट के जरिए क्लेम दिया जाता है। इसके अंतर्गत जब आप किसी भी अस्पताल में अपना इलाज करवाते हैं तो यहां का पूरा खर्चा पहले आपको अपनी जेब से देना होता है। उसके बाद सभी इनवॉइस जरूरी डॉक्यूमेंट तथा संपूर्ण विस्तृत घटनाक्रम और मेडिकल खर्चा के संबंधित जानकारी कंपनी को अपनी होती है। उसके बाद कंपनी जांच करके आपको पैसे ट्रांसफर करती हैं। इस दौरान 1 महीने का भी समय लग जाता है और निर्धारित नियम शर्तों के आधार पर निर्धारित राशि के अनुरूप परिस्थितियों के अनुसार ही आपको क्लेम किया जाता है।

Health insurance Claim types की सूची में दूसरे स्थान पर कैशलेस क्लेम प्रक्रिया आती हैं। इसके अंतर्गत अगर आप कभी किसी हादसे का शिकार हो जाते हैं या Health insurance के तहत क्लेम की श्रेणी में आने वाली बीमारी से ग्रसित हो जाता है या किसी अन्य कारण से अस्पताल में भर्ती होते हैं तो कंपनी के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों की सूची में एडमिट होने पर तुरंत प्रभाव से आपके खर्चों का भुगतान कंपनी द्वारा करते जाता है, जिसमें एम्बुलेंस से दवाइयों के खर्चे, डॉक्टर की फीस, अस्पताल के खर्चे इत्यादि सभी शामिल है क्योंकि इसमें अस्पताल शामिल है जिन्होंने Health insurance कंपनी के साथ टाइप कर रखा है। तुरंत प्रभाव से सीधे कंपनी से संपर्क करते हैं और कंपनी भी तुरंत प्रभाव से अपने अधिकारियों से जांच करवाती है।

Health insurance के तहत कल्याण प्राप्त करने के लिए आपको कुछ नियम और शर्तों का पालन करना होता है जैसे हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए आपको अपनी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी कोशिश करना होता है। आप चाहे तो अस्पताल में भर्ती होने से पहले या अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी कंपनी को सूचित कर सकते हैं, जितना जल्दी आप कंपनी को सूचित करेंगे, उतना ही जल्दी कंपनी की तरफ से आपको सहायता प्रदान की जाएगी। कंपनी को सूचित करने के बाद आपको अस्पताल में एडमिट होने की कॉपी, अस्पताल से डिस्चार्ज होने की कॉपी, सभी तरह की दवाइयां सभी तरह का इलाज, एक्सरे रिपोर्ट, ब्लड टेस्ट रिपोर्ट, डॉक्टर द्वारा लिखी हुई रिपोर्ट इत्यादि जरूरी दस्तावेजों के साथ कंपनी को क्लेम के रूप में प्रदान करनी होती हैं।

स्वास्थ्य बीमा क्लेम कैसे करें (Health insurance claim process in Hindi) —

अगर आप Health insurance के अंतर्गत आने वाले किसी भी बीमारी या दुर्घटना के अंतर्गत शिकार हुए हैं तो सबसे पहले आपको अस्पताल में भर्ती होने से पहले या बाद में कंपनी को सूचित करना होता है। उसके बाद अस्पताल में भर्ती होने से संबंधित सभी दस्तावेज प्राप्त करने हैं। अस्पताल में एडमिट होने का सर्टिफिकेट डिस्चार्ज होने का सर्टिफिकेट इत्यादि सभी संबंधित जानकारी के साथ अपने बैंक खाते का प्रमाण पत्र अपनी पॉलिसी की फोटो कॉपी इत्यादि को डिस्चार्ज होने के 15 दिनों के भीतर-भीतर कंपनी को क्लेम के रूप में देनी होती है, जिसके बाद कंपनी अपने लेवल पर जांच करती है और संबंधित दस्तावेजों की जांच करने के बाद लगभग 1 महीने के अंदर आपको क्लेम की राशि ट्रांसफर कर देती है।

आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि जब आप कंपनी को क्लेम के लिए सूचना प्रदान करते हैं या संबंधित जरूरी दस्तावेज भेजते हैं, तो कंपनी अपने लेवल में बीमा करता के दावों के आधार पर दस्तावेज रिपोर्ट और जानकारी को प्रमाणित करता है और प्रमाणित करने के बाद उचित जांच के बाद ही यह फैसला लेता है कि बीमा धारक को Claim की राशि दी जाए या नहीं। इस दौरान कंपनी द्वारा सभी तरह की जांच की जाती है जैसे कि आप जिस वजह से अस्पताल में भर्ती है या भर्ती रह चुके हैं क्या वह बीमारी यह हादसा आपके इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत आता है या नहीं इसके अलावा निर्धारित समय निर्धारित प्रीमियम राशि तथा निर्धारित क्लेम की राशि को मध्य नजर रखा जाता है और उसके अनुसार ही आपको क्लेम प्रदान किया जाता है।

हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम: इन बातों का रखें ध्यान —

जब भी कभी आपको Health insurance Claim करने की आवश्यकता पड़े तब आपको सबसे पहले यह देखना है कि आप की पॉलिसी कैशलेस ट्रांजैक्शन के तहत आती है या नहीं उसके बाद अगर आप की पॉलिसी Cashless Transaction के अंतर्गत आती हैं, तो आपको कंपनी के नेटवर्क के अंतर्गत आने वाले अस्पताल के अंतर्गत ही एडमिट होना है क्योंकि यहां पर आपको आसान तरीके से बिना किसी परेशानी के ही क्लेम मिल जाता है क्योंकि यहां पर admit होने के बाद अस्पताल की insurance help desk पर आपको अपने बीमा कंपनी का ID Card दिखाना है।

अब अस्पताल आपके बीमा कंपनी के पास एक Pre-Authorized Form जमा कर देगा, जिसके बाद कंपनी अपने लेवल पर जांच शुरू कर देगी और आपको बिना किसी परेशानी के ही क्लेम मिल जाता है। जबकि बिना Cashless Claim के अंतर्गत आपको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है आपको सभी जानकारी देनी होती है तथा 15 दिनों के भीतर-भीतर आपको कंपनी को प्रमाणित भी करना होता है कि आप क्लेम के लिए eligible है इसके लिए आपको विभिन्न प्रकार की जानकारी विभिन्न प्रकार के दस्तावेज सभी तरह के बिल इत्यादि कंपनी को सोंपनें होते हैं।

ऐसी स्थिति में हमेशा आपको इस बात का ध्यान रखना है , कि आपकी एक छोटी सी गलती या आपकी एक छोटी सी भूल आपको Health insurance Claim से दूर कर सकती हैं क्योंकि आपके द्वारा कंपनी को दी हुई सूचना और सभी तरह के दस्तावेज और जानकारी को कंपनी द्वारा निचले स्तर तक अलग-अलग लेवल पर रखा जाता है। हर तरह की जांच की जाती हैं। इसीलिए अगर आपने कोई गलत दस्तावेज दिया है या गलत कोई गलत जानकारी दी है तो कंपनी उसे प्रमाणित कर लेता है और आपको किसी भी प्रकार का कोई भी हेल्थ इंश्योरेंस नहीं दिया जाएगा। इसलिए आपको सभी तरह के सही दस्तावेज और सही जानकारी कंपनी को सौंप दी है, जिसके आधार पर कंपनी जांच करके आपको 30 दिनों के अंतराल में क्लेम की राशि मुहैया करा देगी।

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Conclusion

Health insurance क्लेम करने के मुख्य दो प्रकार होते हैं। पहले प्रकार के अंतर्गत आपको केवल कंपनी के नेटवर्क के अंतर्गत आने वाले अस्पताल में एडमिट होना है और अपने बीमा आईडी कार्ड की कॉपी अस्पताल को देनी होती है या दिखाना होता है। उसके बाद सारा काम अस्पताल और आपकी बीमा कंपनी मिलकर कर लेते हैं जबकि दूसरे प्रकार के अंतर्गत आपको सभी तरह के दस्तावेज सभी तरह की जानकारी सभी तरह की सूचना इत्यादि एक ही करनी होती है। सभी तरह के सभी तरह की दवाइयों के इकट्ठा करने के बाद कंपनी को सौंप कर गया प्रमाणित करना होता है।

पॉलिसी के अंतर्गत आपको कंपनी को यह बताना है कि आप वास्तव में क्लेम के लिए eligible है और आपको Claim मिलना चाहिए, जिसके बाद कंपनी अपने स्तर पर जांच करती है और सही पाए जाने पर ही आपको क्लेम देती हैं। इसके अलावा आपको विभिन्न प्रकार की जानकारी अत्यंत करनी होती है। कई दस्तावेजों की आवश्यकता होती है और क‌ई सावधानियों की बरतनी होती है। इसकी पूरी जानकारी हम आपको आज के इस आर्टिकल में विस्तार पूर्वक बता चुके हैं। तो हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी? अगर आपका इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी प्रश्न है? तो आप नीचे कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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