insurance हम इसीलिए करवाते हैं कि समय आने पर उसका Claim कर सकें। आसान भाषा में कहें तो अगर कोई वाहन आकस्मिक दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो उस वाहन की मरम्मत के लिए जो खर्चा लगता है, उसकी भरपाई के लिए लोग वाहन insurance करवाते हैं। ठीक इसी प्रकार जीवन बीमा भी करवाया जाता है। जीवन बीमा के अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति की अनिश्चितकालीन मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार का भरण पोषण करने के लिए कंपनी द्वारा नियम और शर्तों के तहत निर्धारित राशि दी जाती है जिसके लिए क्लेम करना होता है यानी कि संबंधित जरूरी दस्तावेज और जानकारी के तहत कंपनी को इस बात की सूचना देनी होती है, जिसके बाद कंपनी निरीक्षण करके मुआवजा के रूप में Claim करती है।
आज के समय में भारत में करोड़ों की संख्या में लोग तरह-तरह के insurance करवा रहे हैं जिसमें सबसे ज्यादा जीवन बीमा करवाया जाता है। उसके बाद लोग अपने वाहनों का भी insurance करवाते हैं। आज के समय में भागदौड़ भरे जीवन शैली में लोगों का हमेशा घर से बाहर आना जाना रहता है। हर रोज करोड़ों लोग ट्रैवल करते हैं जिसकी वजह से हर रोज सैकड़ों की संख्या में भारत में सड़क हादसे होते हैं। ऐसी स्थिति में अगर किसी व्यक्ति ने या वाहन का insurance करवाया हुआ है तो वाहन के मालिक को या बीमा धारक के परिवार को मुआवजा राशि क्लेम के रूप में दी जाती है। जिससे परिवार का भरण पोषण हो सके या वाहन की मरम्मत करवा सकें।
आज के समय में भारत का बीमा उद्योग बहुत बड़ा हो चुका है जिसको ऑपरेट करने के लिए भारत सरकार द्वारा एक संस्था का निर्माण भी किया गया है। यह संस्था संपूर्ण बीमा उद्योग से संबंधित गतिविधियों पर नजर रखती हैं। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत का बीमा उद्योग कितना बड़ा है। आमतौर पर हमारे घरों में भी एक से अधिक लोगों का जीवन बीमा होता ही है और जिनके पास वाहन है उन्होंने तो अवश्य ही वाहन का insurance करवाया है क्योंकि भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के तहत प्रत्येक वाहन का insurance होना आवश्यक है। इसके अलावा लोग अपने वाहन के हादसे का शिकार होने पर मुआवजा प्राप्त करने के लिए भी तरह-तरह के इंश्योरेंस करवाते हैं। तो आइए जानते हैं कि Insurance Claim Process in Hindi, Insurance का Claim कैसे ले?
जीवन बीमा (Life Insurance) Claim क्या होता है? —-
अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन से संबंधित insurance खरीदता है तो उसे जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस कहते हैं। दरअसल बीमा धारक और बीमा कंपनी के बीच एक एग्रीमेंट साइन होता है। एक पॉलिसी के तहत कुछ निर्धारित समय और नियम और शर्तों के तहत ग्राहक द्वारा कंपनी को नियमित रूप से किस्तों के अंतर्गत पैसे दिए जाते हैं पर कंपनी निर्धारित समय अथवा आकस्मिक मृत्यु पर व्यक्ति के परिवार को अथवा हादसे का शिकार हो जाने पर निर्धारित राशि को गारंटी के साथ प्रदान करती है। इसे जीवन बीमा insurance कहते हैं और ऐसी स्थिति में कंपनी द्वारा जो भुगतान किया जाता है उसे क्लेम कहा जाता है।
Life Insurance Claim कैसे लें? (Life Insurance Claim Process in Hindi 2023)
जीवन बीमा के तहत विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों के अंतर्गत विभिन्न तरह के नियम और शर्तों के तहत अलग-अलग राशि निर्धारित की जाती है अगर किसी व्यक्ति का एक्सीडेंट हो जाता है और वह अस्पताल में भर्ती होता है तो कितने समय बाद एक्सीडेंट होने पर तथा एक्सीडेंट होने पर कंपनी द्वारा कितना मुआवजा मिलेगा। यह सब जीवन बीमा कराते समय ग्राहकों को बताया जाता है और उसके अनुसार ग्राहक और कंपनी के बीच हस्ताक्षर किए जाते हैं। अगर कोई बीमा धारक हादसे का शिकार हो जाता है तो insurance के तहत निर्धारित धनराशि कंपनी द्वारा ग्राहकों को दी जाती है।
अगर कोई बीमा धारक की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो बीमा पॉलिसी के तहत निर्धारित धनराशि को बीमा धारक के परिवार को insurance कंपनी द्वारा क्लेम के रूप में निर्धारित पैसे दिए जाते हैं जिसे क्लेम राशि कहते हैं। मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए कंपनी को क्लेम करना होता है अथवा उस हादसे के बारे में जरूरी दस्तावेज और संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी के साथ सूचित करना होता है जिसके बाद कंपनी निरीक्षण करके दस्तावेज और जानकारी के तहत निर्धारित नियम और शर्तों के अनुकूल मुआवजा राशि को क्लेम के रूप में पास करती है अगर कोई व्यक्ति हादसे का शिकार होता है तो उसे हादसे से संबंधित जानकारी कंपनी को प्रदान करनी होती है कंपनी को इस विषय में सूचना देनी होती है।
हादसा होने के 7 दिनों के भीतर भीतर कंपनी को सूचना देना आवश्यक है सूचना के अंतर्गत हादसे का स्थान हादसे का कारण तथा हादसे के बाद पुलिस थाने में कराई गई f.i.r. व्यक्ति का पहचान पत्र पॉलिसी की प्रति तथा संबंधित जरूरी जानकारी और दस्तावेजों के अंतर्गत कंपनी को सूचना देनी होती है जिसके बाद कंपनी एक्सीडेंट में होने वाले नुकसान की भरपाई नियम और शर्तों के तहत करती है। इसी प्रकार अगर किसी खाता धारक की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार की तरफ से संबंधित सभी दस्तावेजों के अंतर्गत महत्वपूर्ण जानकारी के साथ कंपनी को सूचित करना होता है जिसके बाद कंपनी परिवार जनों को निर्धारित धनराशि क्लेम के रूप में प्रदान करती है।
वाहन Insurance Claim क्या होता है? —-
जिस तरह से Life insurance होता है। ठीक उसी प्रकार वाहन इंश्योरेंस (Vehicle Insurance) भी होता है। लाइफ इंश्योरेंस जरूरी नहीं है व्यक्ति अपनी इच्छा से करवा सकता है जबकि थर्ड पार्टी वाहन insurance मोटर वाहन नियम द्वारा निर्धारित किया गया है यानी कि प्रत्येक वाहन के मालिक को अपने वाहन के लिए Third Party insurance करवाना ही होता है। इसके अलावा हादसे के बाद नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा लेने हेतु वाहनों के मालिकों द्वारा अपने अनुकूल भी कुछ insurance खरीदे जाते हैं जिसके तहत वे हादसे के बाद मुआवजा के लिए क्लेम कर सकते हैं। हादसा होने के बाद जरूरी संबंधित दस्तावेज और जानकारी के साथ कंपनी को 7 दिनों के भीतर सूचित करना होता है।
वाहन Insurance Claim कैसे करें? (Vehicle Insurance Claim Process in Hindi 2023)
अगर आपका कोई वाहन है जिसका आपने insurance करवा कर रखा है और अब वह वाहन किसी हादसे का शिकार हो गया है या नहीं आपके वाहन का एक्सीडेंट हो गया है तो ऐसी स्थिति में आपको अपने वाहन के insurance कंपनी को 7 दिनों के भीतर सूचित करना होता है, जिसके बाद कंपनी निरीक्षण करके आपको निर्धारित नियम और शर्तों के तहत मुआवजा राशि क्लेम के रूप में प्रदान करेगी जिससे आप अपने वाहन की मरम्मत करवा सकेंगे और अपने नुकसान की भरपाई कर सकेंगे। लेकिन इसके लिए आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा तभी आप इस क्लेम के लिए आवेदन कर सकते हैं और इस Claim के लिए पात्र होंगे।
हादसा होने के बाद सबसे पहले पुलिस स्टेशन में संबंधित हादसे की FIR दर्ज करवाएं क्योंकि वाहन insurance Claim के लिए सबसे पहले हादसे से संबंधित एफ आई आर की कॉपी अनिवार्य है। इसके अलावा हादसे के समय की कुछ तस्वीरें भी आपको लेनी चाहिए ताकि कंपनी को यह बता सके कि हादसा हुआ था और कंपनी भी हादसे को स्वीकार कर सकें इसके अलावा जो व्यक्ति वाहन चला रहा था। उसका ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी वाहन के मालिक का पहचान पत्र तथा वाहन की मरम्मत के लिए आने वाला खर्चा कितना है। इसके बारे में भी जानकारी होनी चाहिए इसके अलावा हादसा कब हुआ कैसे हुआ? हादसे का मुख्य कारण क्या है इसके बारे में संक्षिप्त में जानकारी लिखकर कंपनी को देनी होती है।
हादसा होने के 7 दिनों के भीतर भीतर संबंधित जरूरी सभी दस्तावेज और महत्वपूर्ण जानकारी के साथ संक्षिप्त में कंपनी को क्लेम के लिए आवेदन करना होता है। कंपनी को सूचित करना होता है जिसके बाद कंपनी निरीक्षण करती है। सभी संबंधित जरूरी दस्तावेजों की जांच करती है और संबंधित जानकारी के तहत निरीक्षण करने के बाद आपके द्वारा खरीदी गई पॉलिसी के अनुसार निर्धारित नियम और शर्तों के तहत निर्धारित समय के अनुसार धनराशि को हादसे के अनुसार अनुकूल क्लेम के रूप में पास करती है। उस धनराशि से आप एक्सीडेंट के समय हुए अपने वाहन के नुकसान की भरपाई करवा सकते हैं। अपने वाहन की मरम्मत करवा सकते हैं इस तरह से वाहन इंश्योरेंस का क्लेम लिया जाता है।
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Conclusion
Insurance Claim तब मिलता है जब insurance का Claim निर्धारित किया होता है। अगर आपने जीवन बीमा खरीद रखा है तो जीवन बीमा के अंतर्गत एक्सीडेंट या व्यक्ति की आकस्मिक मृत्यु के तहत मुआवजा लिखा गया है तो आपको उसका क्लेम मिल जाएगा। इसी प्रकार अगर आपने अपने वाहन का भी इंश्योरेंस करवा कर रखा है और आपका वाहन हादसे का शिकार हो गया है तो किस स्थिति में कितने समय बाद और कितना मुआवजा मिलेगा। यह सब insurance के तहत निर्धारित होता है तथा समय के अनुकूल कंपनी द्वारा मुआवजा के रूप में क्लेम की राशि दी जाती है।
insurance क्लेम की राशि के लिए कौन-कौन से जरूरी documents है, किस तरह से आप क्लेम की राशि के लिए कंपनी को सूचित कर सकते हैं। इस बारे में पूरी जानकारी आज के इस आर्टिकल में हम आपको बता चुके हैं। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी। अगर आपका इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी प्रश्न है? तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम पूरी कोशिश करेंगे कि आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर समय पर दे सकें।