Inurance हर कोई व्यक्ति करवा लेता है, लेकिन व्यक्ति को Premium भरने से संबंधित कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती है और उसी के चलते व्यक्ति Insurance नहीं करवाने की सोचता है। व्यक्ति के दिमाग में हमेशा Insurance के Premium कौन भरेगा। इस प्रकार के कई सवाल पैदा होते रहते हैं। Inurance करवा कर आप कम Premium में बहुत ज्यादा risk cover हासिल कर सकते हैं। अब यह Premium शब्द क्या होता है। इसको लेकर भी कई लोग विचलित रहता हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको Insurance Premium kya hota hai? इसके बारे में डिटेल में जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
इंश्योरेंस प्रीमियम क्या होता है? (Insurance Premium kya hota hai in Hindi 2023?)
लोगों को इंश्योरेंस का प्रीमियम Insurance Policy खरीदने के बाद भरना पड़ता है। अब साधारण शब्दों में इंश्योरेंस प्रीमियम को समझा जाए तो इंश्योरेंस लेने के बदले बीमा कंपनी के द्वारा जो निर्धारित राशि होती है। उसे प्रीमियम कहा जाता है और उस प्रीमियम के बदले बीमा कंपनी आपको इंश्योरेंस के तौर पर बहुत बड़ी रिस्क कवर प्रदान करवाती है। बीमा कंपनी इंश्योरेंस के जरिए व्यक्ति को कई प्रकार की सुरक्षा प्रदान करवाती है। लेकिन उसके बदले बीमा कंपनी के द्वारा कुछ पैसे लिए जाते हैं। जिसे इंश्योरेंस प्रीमियम कहा जाता है।
Insurance Premium का निर्धारण कैसे किया जाता है?
Insurance का प्रीमियम अलग-अलग insurance पर अलग-अलग तरीके से कैलकुलेट होता है। जिस प्रकार से जीवन बीमा में insurance calculate करने की विधि अलग होती है, तो वाहन इंश्योरेंस में और हेल्थ इंश्योरेंस में अलग अलग तरीके से इंश्योरेंस के प्रीमियम को कैलकुलेट किया जाता है।
1. जीवन बीमा इंश्योरेंस प्रीमियम
जब कोई भी व्यक्ति जीवन बीमा (Life Insurance) खरीदना है तो सबसे पहले उस व्यक्ति की उम्र पूछी जाती है। उम्र के आधार पर ही इंश्योरेंस का प्रीमियम निर्धारित होता है। कम उम्र वाले बच्चों के लिए प्रीमियम कम आता है तो अधिक उम्र वाले लोगों के लिए अधिक प्रीमियम आता है। जिस भी इंश्योरेंस पॉलिसी को कम उम्र वाले लोग खरीदते हैं। उस पॉलिसी के फायदे कम उम्र वाले लोगों को और बड़ी उम्र वाले लोगों को बराबर ही मिलते हैं।
लेकिन प्रीमियम का काफी फर्क आता है। उदाहरण के तौर पर एक लाख का जीवन बीमा यदि कोई किसी 5 साल के बच्चे के लिए खरीदा जाता है। तो ऐसे में प्रस्तावक को अनुमानित ₹4800 का प्रीमियम 20 सालों तक भरना पड़ता है।
वही Plan 50 साल के उम्र के लिए 20 साल की अवधि के साथ खरीदा जाए, तो ऐसे में अनुमानित बीमा धारक को ₹5900 से लेकर ₹6100 तक का प्रीमियम भरना पड़ता है। ऐसे में प्रति वर्ष लगभग ₹1000 का अंतर कम उम्र में और अधिक उम्र में देखने को मिलता है। हर 1 वर्ष में ₹50 के आसपास 20 साल की अवधि के लिए प्रीमियम में बढ़ोतरी होती रहती है।
2. Health Insurance का Premium
हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम की बात की जाए तो Health Insurance में स्वस्थ लोगों को और कम उम्र के लोगों को कम प्रीमियम के साथ बीमित किया जाता है। लेकिन दूसरी तरफ अधिक उम्र वाले लोगों को और किसी भी बीमारी से पहले से यदि बीमित व्यक्ति बीमार है, तो ऐसे में अधिकतम के साथ उसे बीमा दिया जाता है। कि आप कई ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती है। जिसमें हेल्थ इंश्योरेंस क्रिटिकल या गंभीर परिस्थितियों में नहीं मिलता है। हेल्थ इंश्योरेंस में उम्र के साथ-साथ बीमारी काफी बारीकी से जांच हो होने के बाद प्रीमियम तय होता है।
3. वाहन इंश्योरेंस का प्रीमियम
वाहन बीमा (Vehicle Insurance) का प्रीमियम लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम से पूरी तरह से अलग होता है। लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम और हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम लंबी अवधि के लिए एक बार फिक्स होने के बाद समान रहता है। यानी कि आप 25 साल की उम्र में 20 साल की अवधि के लिए कोई भी बीमा ले लेते हैं, तो आपको 45 साल की उम्र तक समान रूप से प्रीमियम भरना पड़ता है। लेकिन वाहन इंश्योरेंस में इस प्रकार से नहीं है। वाहन इंश्योरेंस का बीमा प्रत्येक वर्ष रिन्यू करवाना पड़ता है। रिन्यू का मतलब नया खरीदना पड़ता है। वाहन इंश्योरेंस की अवधि 1 साल की ही होती है।
अब वाहन इंश्योरेंस के प्रीमियम के बारे में बात की जाए तो वाहन इंश्योरेंस प्रीमियम वाहन की उम्र पर निर्भर करता है यानी कि वाहन खरीदते हैं, तो आपको अधिक बीमा राशि का बीमा प्रदान करवाया जाता है और उसका पेमेंट भी ज्यादा आता हैं। जिस प्रकार से प्रतिवर्ष वाहन पुराना होता है। वाहन की कीमत में गिरावट होती है। उसी प्रकार से वाहन के बीमे राशि में भी गिरावट देखने को मिलती है।
प्रीमियम भी काम आता है, पांच 6 साल पुराना वाहन होने पर प्रीमियम लगभग आधा ही आएगा। उदाहरण के तौर पर नया वाहन यदि आप 1000000 का करते हैं। यानी कि 1000000 आपके वाहन की ऑन रोड प्राइस है तो ऐसे में आपको 1500000 का इंश्योरेंस प्रदान करवाया जाता है। उसका अनुमानित प्रीमियम ₹23000 फुल इंश्योरेंस के मामले में आता है।
जैसे ही वाहन 1 साल पुराना होता है तो आपको बीमा राशि के तौर पर 13 लाख का इंश्योरेंस प्रदान करवाया जाएगा और ऐसे में ₹18000 का प्रीमियम अनुमानित आ जाता है। प्रत्येक वर्ष प्रीमियम में और बीमा राशि में गिरावट होती है।
Insurance Premium के साथ कौन से Tax जुड़े होते हैं?
Insurance का प्रीमियम भरते समय आपने Insurance Premium की रसीद पर देखा होगा, कि वहां आपको GST के कुछ राशि साथ में मिलाकर दिखाई देती है। यदि हम Insurance पर लगने वाली जीएसटी की बात करें तो Life Insurance और Health Insurance में पहली साल GST 4.5% लगती है और उसके बाद प्रत्येक वर्ष GST 2.25% लगते हैं। वाहन Insurance में GST के तौर पर प्रत्येक साल 4.5% GST आपको देनी पड़ती है।
अवश्य देखें:-
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- Commercial Vehicle Insurance क्या होता है पूरी जानकारी?
- Insurance के क्या फायदे होते हैं?
निष्कर्ष:-
Insurance का Premium आपको Insurance खरीदते समय एक मुख्य इकाई के रूप में मानकर चलना चाहिए। क्योंकि Insurance का प्रीमियम ही आपके बीमा धन का निर्धारण करता है। यदि आप ज्यादा प्रीमियम का इंश्योरेंस खरीदते हैं। तो बीमा धन अधिक रहता है और यदि कम इंश्योरेंस का प्रीमियम खरीदा जाए तो बीमा धन में गिरावट आ जाती है।
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको Insurance Premium kya hota hai? इसके बारे में डिटेल में जानकारी दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि किसी व्यक्ति को हमारी इस आर्टिकल से जुड़ा हुआ कोई भी सवाल है। तो वह हमें कमेंट के माध्यम से बता सकता है।