उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र की पूरी जानकारी हिंदी 2023 में

व्यक्ति के लिए हमेशा उसके वंशज यानी कि उनके बच्चे उनके मर जाने के बाद उनकी संपत्ति के उत्तराधिकारी और हकदार होते हैं। लेकिन कई बार किसी भी व्यक्ति के द्वारा अपनी संतान न होने की वजह से किसी को गोद लिया जाता है तो ऐसे में गोदनामा और उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है। ताकि उस व्यक्ति की मृत्यु के बाद कोई और उस प्रॉपर्टी का हकदार ना बने और वह सारी प्रॉपर्टी उसी इंसान की हो जो जीवित रहते हुए वह व्यक्ति करना चाहता है। यानी कि व्यक्ति के द्वारा अपने उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के माध्यम से कौन से संतान को कितना हिस्सा देना है।

 गोद लिए हुए पुत्र को अपनी संपत्ति का हकदार बनाने के लिए उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बनाया जाता है। उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के माध्यम से उस व्यक्ति और उस संतान के बीच कई प्रकार के अनुबंध होते हैं और उन्हीं अनुबंध के आधार पर सरकार के द्वारा व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति उस बच्चे के नाम कर दी जाती है। आज के आर्टिकल में हम आपको उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र क्या होता है और उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र कैसे बनाएं इसके बारे में डिटेल में जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र क्या होता है?

व्यक्ति के द्वारा किसी भी प्रकार की संपत्ति को अपने पीढ़ी को देने का हक उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के तौर पर होता है। इस उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के माध्यम से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उस व्यक्ति के संतान उस प्रॉपर्टी की हकदार होती है।

उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र की जरूरत मुख्य तौर पर गोद लेने वाली संतान के लिए होती है। क्योंकि यदि व्यक्ति की खुद की संतान है,तो ऐसे में उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है और व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संतान को उस व्यक्ति की प्रॉपर्टी का हक मिल जाता है। लेकिन किसी अन्य बच्चे को गोद लेने के बाद उस बच्चे को प्रॉपर्टी का हकदार बनाने के लिए उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है।

उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र का उद्देश्य

व्यक्ति की सामान्य संपत्ति जैसे कि जमीन और प्लॉट मृतक व्यक्ति की मृत्यु के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर बच्चों के नाम की ट्रांसफर हो जाती है। लेकिन कई प्रकार की अन्य संपत्ति जैसे कि बीमा पॉलिसी का क्लेम बैंक अकाउंट के पैसे इन सभी के लिए उम्मीदवार को अपने जीवित रहते हुए एक उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र अपने बच्चों के पक्ष में जारी करना होता है।

उस उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के आधार पर बीमा पॉलिसी और बैंक अकाउंट का क्लेम नॉमिनी होने के रूप में उन संतान को मिल जाता है। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बनाने से पहले ही मर जाता है। तो ऐसे में कानून और कोर्ट के माध्यम से एक उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बनाया जाता है। जिसके जरिए उस व्यक्ति की संपत्ति को संतान के नाम पर ट्रांसफर किया जाता है।

उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के लिए जरूरी दस्तावेज

जब भी कोई व्यक्ति प्रमाण पत्र बनाता है, तो प्रमाण पत्र बनाने के लिए कई प्रकार की अलग-अलग दस्तावेज जरूरी हो जाते हैं। उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बनाने के लिए भी इसी प्रकार से दस्तावेज जरूरी होते हैं। उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बनाने के लिए दस्तावेज कौन-कौन से चाहिए होते हैं। उसकी जानकारी हम आपको नीचे प्रदान करवा रहे हैंः

  • विधिवत भरा हुआ और हस्ताक्षरित आवेदन पत्र।
  • आवेदक की पहचान और पते के प्रमाण की प्रतियां।
  • सभी कानूनी वारिसों की जन्मतिथि का प्रमाण।
  • जीवित सदस्यों की सूची यदि उनकी संख्या चार से अधिक है।
  • सभी आवेदकों के फोटो।
  • सेल्फ अंडरटेकिंग एफिडेविट/सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म।
  • मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र।
  • मृतक का पता प्रमाण।
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उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र कैसे बनाएं

उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बनाने के 2 तरीके होते हैं। एक पहला तरीका मर्तक अपनी मृत्यु से पहले ही अपनी संतान के नाम पर वसीयत लिखकर उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के तौर पर उन्हें सौंप देता है। ताकि उनकी मृत्यु के बाद उसकी सारी संपत्ति उन बच्चों के नाम की हो जाए। लेकिन यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बनाने से पहले हो जाती है, तो ऐसे में उस संतान को नीचे दिए गए निम्न लिखित चरणों को फॉलो करते हुए उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बनाना होता है।

1. सर्वप्रथम उम्मीदवार को अपने मृतक पिता या अपने मृतक माता का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाना होता है। मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए व्यक्ति को नजदीक ईमित्र पर जाकर और सरपंच के लेटर पैड पर हस्ताक्षर करवाते हुए मृत्यु की दिनांक के साथ सारे दस्तावेज लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र बनाना होता है। यदि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु दुर्घटना में होती है, तो ऐसे में एफ आई आर की कॉपी के साथ-साथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट की भी जरूरत पड़ती है।

2. मृत्यु प्रमाण पत्र बन जाने के बाद व्यक्ति को मृतक का आधार कार्ड या मृतक का पहचान पत्र और मृतक का एड्रेस पता प्रमाण पत्र के साथ-साथ मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर अपने तहसील कार्यालय जाना होगा।

3. तहसील कार्यालय पहुंचने के बाद तहसीलदार के माध्यम से आपको अपने उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको एक आवेदन फॉर्म ई मित्र से लेकर उसे आवेदन फॉर्म को भरना है और सभी दस्तावेज के साथ उस आवेदन फोर्म को तहसीलदार के पास जमा करवा देना है।

4. तहसीलदार के पास उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र जमा होने के बाद तहसीलदार के द्वारा नजदीकी पुलिस थाना में वेरिफिकेशन के लिए एक छोटा सा प्रोसेस किया जाता है। उस के माध्यम से पुलिस कर्मचारी के द्वारा आपके दस्तावेज और मृत्यु प्रमाणपत्र का सत्यापन किया जाएगा और सत्यापन होने के बाद तहसीलदार के द्वारा उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र आपको प्रदान करवा दिया जाएगा।

5. जब उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र आपको मिल जाता है, तो उसके बाद आप उस उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के माध्यम से किसी भी प्रकार की संपत्ति को अपने नाम पर ट्रांसफर करवा सकते हैं और उत्तराधिकारी होने के तौर पर अपने माता पिता की संपत्ति के हकदार बन सकते हैं।

उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के लिए Online Apply कैसे करें?

भारत सरकार के द्वारा वर्तमान समय में हर प्रकार के कार्य को ऑनलाइन किया जा रहा है। ऐसे में उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया भी ऑनलाइन उपलब्ध करवाई गई है। आप उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र नीचे दिए गए निम्नलिखित चरणों को फॉलो करते हुए ऑनलाइन माध्यम से बना सकते हैंः

  • सर्वप्रथम आपको ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा।
  • अपने तहसील की ऑफिशियल वेबसाइट पर पहुंचने के बाद आपको न्यू यूजर का एक ऑप्शन दिखाई देगा।
  • उस बटन पर क्लिक करते हुए अपना अकाउंट बनाना है जैसे ही आप अपना अकाउंट बना लेते हैं, तो वहां पर एक नॉमिनेशन सर्टिफिकेट का विकल्प दिखाई देगा।
  • उस नॉमिनेशन सर्टिफिकेट वाले बटन पर क्लिक करते हुए आपको आगे प्रोसेस करना है।
  • जैसे ही आप नॉमिनेशन सर्टिफिकेट वाले बटन पर क्लिक करते हैं तो आपके सामने एक आवेदन फॉर्म ओपन होता है।
  • उस आवेदन फॉर्म में पूछे जाने वाली संपूर्ण जानकारी को भरना है और उसके साथ मृत्यु प्रमाण पत्र मृतक के आधार कार्ड के साथ साथ अन्य मांगे जाने वाले पहचान पत्र और पता प्रमाण पत्र को जमा करवाना है।
  • यह करने के बाद आपको ₹20 का आवेदन शुल्क जमा करवाना होगा आवेदन शुल्क जमा होने के बाद आपका आवेदन जमा हो जाएगा।
  • जैसे ही आपका आवेदन सत्यापित हो जाता है तो 7 से 10 दिन के अंदर आप के उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र को जारी कर दिया जाएगा। जिसे आप ऑनलाइन डाउनलोड भी कर सकते हैं।

उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के लिए कौन-कौन आवेदन कर सकते हैं?

उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र का सीधा मतलब यह होता है, कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उस व्यक्ति की संपूर्ण संपत्ति का हकदार उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र लेने वाला व्यक्ति हो जाता है। यदि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसकी संपत्ति का हकदार कौन होगा यह उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के माध्यम से निर्धारित होता है।

उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के लिए भी एक सीमा रखी गई है। किसी भी व्यक्ति का कोई भी दोस्त उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन नहीं कर सकता है। नीचे दिए गए निम्नलिखित व्यक्ति उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं।

  • मृतक की पत्नी।
  • मृतक के बच्चे (बेटा और बेटी)।
  • मृतक के भाई-बहन (भाई-बहन)।
  • मृतक के माता-पिता।

निष्कर्ष

किसी भी व्यक्ति की संपत्ति जिसका कोई ना कोई हकदार जरूर होता है। लेकिन कई ऐसे मामले होते हैं। जिसमें उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र की मुख्य रूप से जरूरत पड़ती है। क्योंकि जमीन और प्लॉट के लिए व्यक्ति को सिर्फ मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करवाना होता है और ऐसे में उस व्यक्ति के बच्चों के नाम पर संपत्ति ट्रांसफर हो जाती है। लेकिन बीमा पॉलिसी और अन्य प्रकार की संपत्तियों के लिए उम्मीदवार को उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बनाना होता है।

उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बनाने के बाद ही मृतक के उत्तराधिकारी को संपत्ति का वारिस घोषित किया जाता है। आज के आर्टिकल में हमने आपको उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र क्या होता है और उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र कैसे बनाएं। इसके बारे में डिटेल में जानकारी दी है। हमें उम्मीद है, कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी।

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